गवरइया और गवरा के बीच किस बात पर बहस हुई और गवरइया को अपनी इच्छा पूरी करने का अवसर कैसे मिला?

गवरा और गवरइया एक दिन शाम को आदमियों के कपड़े पहनने पर बात करते हैं। गवरइया कहती है कि देखो आदमी रंग-बिरंगे कपड़े पहनने के बाद कितने सुंदर लगते हैं। जबकि गवरा कहता है कि कपड़े पहनने के बाद आदमी और भी बदसूरत दिखने लगता है। फिर गवरइया कहती है कि सुंदर के अलावा कपड़े पहनने के बाद आदमी मौसम की मार से भी बच जाता है। वहीं गवरा कहता है कि कपड़े पहनने के बाद आदमी की जाड़ा, गर्मी और बरसात को झेलने की क्षमता कम हो जाती है। तभी गवरइया को एक आदमी के सिर पर टोपी दिखती है। उसके मन में भी टोपी पहनने की इच्छा जागती है।

गवरइया ने ठान लिया था कि वो टोपी पहनकर रहेगी। एक दिन वो चुगते-चुगते घूरे पर पहुंची। वहां उसे रुई का एक फाहा मिला। इसके बाद गवरइया ने उस रुई को धुनवाया, धागा बनवाया, कपड़ा बनवाया और फिर टोपी सिलवा ली। इस तरह उसकी टोपी पहनने की इच्छा पूरी हो गई।


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